बाप और 2 बेटों की कहानी | Motivational Story in Hindi
सोने चांदी की बक्से – बाप और बेटों की कहानी
एक नगर नाम है सत्यभामापुर। वहां के राजा सबसे अच्छा है। गांव में एक जमींदार रहते हैं नाम है उनका- बाल्मीकि राजा के साथ बाल्मीकि की काफी अच्छी संबंध बनती है वह राजा के काफी प्रिय सेवक हैं।
जमीदार बाबू बाल्मीकि की दो बेटे हैं एक का नाम है – प्राण बंधु और दूसरे का नाम है जग बंधु दोनों पिताजी के काफी प्रिय पुत्र है लेकिन इन दोनों में एक बात दोनों को अलग करती है वह है दोनों की मानसिक दुर्बलता।
बाल्मीकि के बड़े पुत्र प्राण बंधु वह काफी होशियार और समझदार इंसान है वह भी राजा के वहां काम करते हैं राजा के प्रिय कोषागार अधिकारी के रूप में नियुक्त है। लेकिन बाल्मीकि के छोटे बेटे मानसिक रूप से थोड़ा कमजोर है वह ना अपने बड़े भाई जैसा होशियार है ना समझदार इसलिए अपने छोटे बेटे को लेकर बाल्मीकि बहुत परेशान रहते हैं।
गांव की वह जमींदार है लेकिन बाल्मीकि अपने छोटे बेटे लेकर परेशान रहते हैं . बड़ा बेटा तो अपने जीवन में बहुत कुछ कर पाएगा लेकिन छोटा बेटा पीछे रह जाएगा इसीलिए दोनों बेटों को एक ही घर से शादी करवा दिए अच्छे से रहेंगे बोल कर।
शादी के बाद बाल्मीकि अपने दोनों बेटों को एक एक बख्शा अपने जिंदगी के राह के लिए देना सोचा लेकिन इसमें एक परेशानी है एक बक्सा में है सोने से पूर्ण जब रात और दूसरे बक्सा में है चांदी से पूर्ण जब रात.
बाल्मीकि को पता है किस बेटे को क्या देना है…. लेकिन आप बताओ किस बेटे को क्या देना चाहिए..?
बाल्मीकि बहुत सोचने के बाद वह अपने बड़े बेटे को चांदी से पूर्ण बक्सा दिया और छोटे बेटे को सोने से पूर्ण बख्शा दिया –
चांदी का बख्शा पानी के बाद बड़े बेटे की आर्थिक स्थिति सामान्य रहा और सोने से पूर्ण बक्सा पाने के बाद छोटे बेटे की आर्थिक स्थिति काफी ऊपर चली गई अर्थात छोटे बेटे गांव धनी व्यक्तियों में से एक बन गया।
बाल्मीकि को पता है बड़े बेटे को चांदी से पूर्ण बक्सा देने से उसकी जिंदगी की राहों में कोई परेशानी नहीं होगी। उसे पता है गिर पढ़कर वह 1 दिन अपने छोटे भाई के बराबर हो जाएगा या उससे भी आगे चला जाएगा। यदि बाल्मीकि सोने का बक्सा बड़े बेटे को देता तो छोटे बेटा अपने बड़े भाई के बराबर नहीं पहुंच सकता क्योंकि वह मानसिक रूप से थोड़ा दुर्बल है।
दोस्तों जिंदगी में बहुत सारे लोग देखे होंगे कोई तुमसे ज्यादा अमीर है या कोई तुमसे थोड़ा कम . कोई तुमसे ज्यादा अमीर भी हो हो इसमें निराश होने वाली कोई बात नहीं है क्योंकि भगवान उसी को देता है जो दुर्बल है वह गिर पढ़ कर आगे बढ़ नहीं सकता लेकिन भगवान आपके ऊपर विश्वास करता है और कहता है यह गरीब घर में पैदा होने के बावजूद एक ना एक दिन गिर पढ़कर आगे बढ़ेगा.
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