पेंगुइन सेे जुड़ी 35 रोचक तथ्य | Amazing FACTs About Penguin in Hindi

पेंगुइन से जुड़े रोचक तथ्य – दोस्तों दुनिया में बहुत सारे जीव है उनमें से आप बहुत सारे को जानते भी होंगे लेकिन आज हम यह आर्टिकल में Interesting Facts about Penguin in hindi के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं।
आज हम यह आर्टिकल about Penguin in hindi में पेंगुइन से जुड़े कुछ रोचक तथ्य और मजेदार बातें बताने वाले हैं जिसके बारे में आपको पहले शायद नहीं पता होगी. उम्मीद करता हूं आपको यह पोस्ट पसंद आएगी.
वैज्ञानिक मानते हैं कि पेंगुइन हमारे धरती के लिए खतरा है. एक सुंदर और प्यारा दिखने वाला जीब कैसे दुनिया के लिए खतरा है? जानने के लिए हमारे यह Post में अंत तक जरूर बने रहे.
पेंगुइन से जुड़ी 10 बेहतरीन तथ्य – Top 10 facts About Penguin
1. पेंगुइन भी एक पक्षी है और ये अंडे देते हैं।
2. पेंगुइन एक पक्षी होने के बावजूद कभी उड़ नहीं सकते वह केवल तैर सकते हैं।
3. पेंगुइन कम से कम 20 मिनट तक अपनी सांस रोक सकते हैं।
4. पेंगुइन बर्फीले इलाकों में पाए जाते हैं और साफ पानी के लिए बर्फ खाते हैं।
5. पेंगुइन मांसाहारी होते हैं लेकिन उनके पास कोई दांत नहीं होता इसलिए वह अपने शिकार को खाने में चोंच का उपयोग करते हैं।
6. पेंगुइन पानी के अंदर लगभग 15 किलोमीटर प्रति घंटे की तेजी से तैर सकते हैं।
7. पेंगुइन का जीवनकाल लगभग 15 से लेकर 20 साल तक होती है।
8. हर साल 25 अप्रैल को विश्व पेंगुइन दिवस के रूप में मनाया जाता है।
9. पक्षियों की तरह पेंगुइन की भी कुछ प्रजातियां घोंसले बनाती है। पेंगुइन छोटे छोटे पत्थरों को लेकर एक गोलाकार स्थान के रूप में अपना घोंसला बनाती है।
10. वैज्ञानिक कहते हैं पेंगुइन की 17 प्रजातियां हैं, उनमें से 13 प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर है। यह एक दुखद वाली विषय है।
पेंगुइन से जुड़े 20 रोचक जानकारियां – Information about Penguin in Hindi
- अधिकतम पेंगुइन न्यूजीलैंड ,अर्जेंटीना, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और एंटार्कटिका जैसे जगहों पर पाए जाते हैं।
- पेंगुइन एक समय एक डुबकी लगा कर एक बार में लगभग 30 मछलियां पकड़ सकती है।
- पेंगुइन समुद्र का खारा पानी पी सकती है क्योंकि उसके पास एक विशेष प्रकार की ग्रंथि होती है जो रक्त प्रवाह से नमक को अलग करने का काम करती है ।
- पेंगुइन की देखने की क्षमता जमीन के मुकाबले पानी के भीतर अधिक होती है। कहां जाता है कि पेंगुइन जमीन पर बहुत ही कम दूरी तक देख पाता है।
- पेंगुइन अपने पंख का बहुत ज्यादा ख्याल रखते हैं। वह अपने पंखो पर एक विशेष तरह का तेल लगाता है जिससे उनकी पंख वाटरप्रूफ रहते हैं, हम आपको बता दें कि यह विशेष तरह कातिल उसकी पूंछ के पास से निकलता है। अच्छे से ख्याल ना रखने पर पंख वॉटरप्रूफ नहीं रह पाती।
- बड़े पेंगुइन ज्यादातर ठंडे जहां पर रहते हैं और छोटे पेंगुइन आमतौर पर अधिक गर्म और नियमित जलवायु में रहते हैं।
- ब्लू पेंगुइन केबल केबल 6 इंच की होती है, पेंगुइन प्रजाति के सबसे छोटी पक्षी है।
- 3 गुण एकजुट रहना पसंद करते हैं। समुद्र में मछलियों का शिकार करते हैं और एक साथ समूह में भोजन करते हैं।
- यह बड़े-बड़े झूलों में रहना पसंद करते हैं इनकी एक समूह में लगभग 200 से 1000 तक पेंगुइन होते हैं।
- 6 करोड़ 16 लाख साल पहला पेंगुइन का सबसे पुराना शिवांश मिला था. इस समय धरती से डायनासोर खत्म हो चुके थे. कुछ ऐसे भी जीवांश मिले हैं जो आज क समय की पेंगुइन के तुलना में बहुत बड़े हैं. लगभग 4.5 फुट लंबे होने का अनुमान किया गया है.
- पेंगुइन शाकाहारी होते हैं. अपनी थाने में पकड़े, मछलियां, झींगे आदि खाते हैं. इसे खाने के साथ-साथ और छोटे छोटे पत्थर और कंकड़ को भी खा जाते हैं. इससे भोजन को पचाने में मदद मिलती है.
- समुद्रों की सबसे गहराई में गोते लगाने का रिकॉर्ड Emperor Penguin के नाम पर दर्ज है. ये समुद्र की 1,850 फीट की गहराई तक गोता लगाया था। जो आज तक की एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है, इसी दौरान वो अपनी सांसे रोके हुए 22 मिनट तक पानी के अंदर था।
- पेंगुइन ज्यादातर ढूंढो में रहना पसंद करते हैं और उनकी एक ही उसूल में करीब 200 से 1000 पेंगुइन होते हैं। यही कारण होती है जिनसे उन्हें अंतरिक्ष से ही देखा जा सकता है।
- पेंगुइन के समूह को रुकरी कहा जाता है।
- आज तक की पेंगुइन की सबसे बड़ी समूह को दक्षिण सैंडविच द्वीपसमूह के Zavodovski Island देखी गई थी। इस समूह में करीब 20,00,000 से भी अधिक पेंगुइन मौजूद थे।
- पेंगुइन एक दूसरे को अलग अलग आवाज निकाल कर बुलाते हैं।
- हम आपको बता दें कि पेंगुइन के बच्चे जन्म से वॉटरप्रूफ नहीं होते। इसलिए वह पानी के अंदर नहीं जाते जब तक उनके वाटर प्रूफ पंख नहीं आ जाते। भोजन के लिए हो वह अपने मां और दूसरों के ऊपर निर्भर रहते हैं।
- हम आपको बता चुके हैं कि पेंगुइन 16 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से कर सकते हैं लेकिन Gentoos नाम के प्रजाति की पेंगुइन घंटा प्रति इस से दोगुना यानी कि 32 किलोमीटर प्रति घंटे कि तेजी से तैर सकते हैं।
- इंसानों की तरह पेंगुइन भी मजे उठा सकते हैं। कई बार देखा गया है कि बर्फ पर अपने पेट के बल फिसलते। इसलिए कि चलते हैं क्योंकि इन्हें कहीं जाना हो या मजे मजे में फिर चलते रहते हैं।
- पेंगुइन इंसानो को नहीं डरते। इंसानों के समूह में अपने आप को सुरक्षित महसूस करते हैं।
- पेंगुइन दिखने में बहुत मासूम और सुंदर दिखते हैं लेकिन दिन भर दिन इनकी संख्या कम होती जा रही है इसका कारण है जलवायु परिवर्तन होने का।
पेंगुइन प्रजाति
बड़ी प्रजाति – दुनिया में पेंगुइन की कई प्रजाति पाई जाती है , जिनमें से 17 प्रजातियां अभी भी ज्ञात है. एंपरर पेंगुइन एकमात्र प्रजाति है जो दुनिया की बहुत सी जगहों में पाई जाती है। इस प्रजाति की पेंगुइन लगभग 48 इंच तक हो सकती है। इस प्रजाति की पेंगुइन का वजन लगभग 22 से 45 k.g. हो सकता है. एंपरर पेंगुइन दुनिया की सबसे बड़ी पेंगुइन प्रजाति है.
छोटी प्रजाति – ब्लू पेंगुइन दुनिया की सबसे छोटी पेंगुइन प्रजाति है। यह केवल 10 से 12 इंच तक होती है छोटा होने के कारण यह देखने में एक चिड़िया की तरह दिखता है. यह प्रजाति की पेंगुइन केवल 6 साल के लिए ही जीवित रह पाती है।

पेंगुइन और इंसान
हम आपको पहले बता चुके हैं कि पेंगुइन को इंसान के प्रति विशेष डर नहीं लगता. पेंगुइन बिना हिचकिचाहट इंसानों के भीड़ में आसानी से रहते हैं, वह खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं. पेंगुइन को इंसानों के बीच कोई खतरा नहीं होती बल्कि समुद्र बर्फीले इलाकों में रहते समय उन्हें मांसाहारी जी जैसे लेपर्ड सील शेर शिकार होने की खतरा रहती है।
आमतौर पर देखा गया है कि पेंगुइन 10 फुट से ज्यादा पास इंसानों के तरफ नहीं आते। 3 मीटर से ज्यादा पास आने से वह परेशान हो जाते हैं इसलिए पर्यटकों को भी पेंगुइन सिंह 3 मीटर (10 फिट) दूरी रखने के लिए कहीं जाती है। लेकिन इसमें ऐसा नहीं है कि पेंगुइन आपके पास आए तो आप पीछे हट जाए।
क्यों दुनिया के लिए खतरा है पेंगुइन?
क्यों मासूम से दिखने वाले पेंगुइन को आखिर वैज्ञानिक दुनिया के लिए खतरा मानते हैं. चलिए समझते हैं.
दरअसल एक रिसर्च करा गया था जहां अंटार्कटिका की पेंगुइन को सेटेलाइट से निगरानी रखी गई, सेटेलाइट से यह पता चला कि अंटार्कटिका के बर्फीले इलाकों में छोटी-छोटी अजीब से धब्बे जैसे निशान नजर आय. यह धब्बा था पेंगुइन से निकले मल का , जी हां दोस्तों पेंगुइन से निकले माल से ही दुनिया को ग्लोबल वार्मिंग का खतरा है.
पेंगुइन की माल से क्या खतरा हो सकता है तो हम आपको बता दें की इसके मल में उपस्थित फास्फीन गैस काफी जहरीली और ज्वलनशील गैस होती है। यह गैस कार्बन डाइऑक्साइड से 300 गुना खतरनाक है। यह गैस से ग्लोबल वॉर्मिंग की खतरा बढ़ती है। ग्लोबल वॉर्मिंग सेे धरती की बढ़ती ताप मात्रा से जमी हुई बर्फफ पिघलने लगेगी जिससे जलस्तर बढ़ता जाएगा . सारे बर्फ पिघलने से धरती की स्थल पूरी तरह डूब जाएगी. आपको ऐसा होना थोड़ा नामुमकिन लगता होगाा लेकिन हम आपको बताा दें पेंगुइन की इस प्रक्रिया से थोड़ी सी तो प्रभाव जरूर होती है।
ए थी दोस्तों पेंगुइन से जुड़े कुछ रोचक तथ्य आशा करता हूं आपको यह about Penguin in hindi आर्टिकल पसंद आई होगी. पेंगुइन से जुड़े अर भी तथ्य जानते हैंं तो कमेंट करके जरूर बताइएगा. आपकी हर कमेंट को हम दिल से स्वागत करते हैं.
पेंग्विन से जुड़े FAQ
पेंगुइन कहां रहते हैं
पेंगुइन ठंडे बर्फीले इलाकों में रहते हैं, ये ज्यादातर दक्षिणी गोलार्ध विशेष रुप से अंटार्कटिका के बर्फीले इलाकों में देखे जाते हैं. इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया ,दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और न्यूजीलैंड जैसे ठंडी जगह में रहते हैं।
पेंगुइन क्या खाते हैं
पेंगुइन एक मांसाहारी पक्षी है? यह ज्यादातर ठंडे बर्फीले समुद्र के किनारे रहते हैं। अपना सारा खाना समुद्र से ही प्राप्त करते हैं। मछलियां, झींगा, केकड़े आदि को अपना मुख्य भोजन बनाते है।
क्या पेंगुइन उड़ सकती है
पेंगुइन एक पक्षी होने के बावजूद उड़ नहीं सकती. यह ज्यादातर ठंडे समुद्र के इलाकों में रहते हैं. वह नहीं सकते लेकिन अच्छे तैराक होते हैं
पेंगुइन के कितने प्रजाकया है
दुनिया में पेंग्विन की 17 प्रजातियां पाई जाती है. लेकिन उनमें से 13 प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर है.
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