भारत ने दुनिया को क्या दिया है, चलिए जानते हैं | भारत का आविष्कार जो दुनिया बदल दी
विश्व गुरु कहे जाने वाला भारत दुनिया का सबसे पुराना देश है । दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यता सिंधु सभ्यता की उत्पत्ति यहाँ हुई है जिसको एक उन्नत सभ्यता माना जाता है। भारत ही एक ऐसा देश है जहां बहुत सारी भाषाएं बोली जाती है लिखी जाती है लगभग यहां 1600 से भी अधिक भाषाएं मौजूद है.
आज यह लेख में जानेंगे भारत को क्यों विश्व गुरु कहा जाता है भारत का दुनिया के लिए क्या-क्या योगदान रहा है यह लेख में जानेंगे दुनिया को भारत की देन के बारे में तो चलिए ज्यादा देर ना करते हुए जानते हैं भारत से उत्पत्ति कुछ ऐसी चीजों के बारे में जो भारत ही नहीं पूरी दुनिया आज इस्तेमाल करते आ रहा है।
• योग का शुरुआत भारत में हुई थी।
योग मानव शरीर की एक ऐसी जरूरत है जिसे पूरा करने से हजारों फायदे होते हैं। 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पूरी दुनिया में मनाया जाता है। योग का इतिहास आज से लगभग 5000 साल पुराना है। प्राचीन काल से ही लोग योग के माध्यम से शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक के रूप से इसका अभ्यास करते आ रहे हैं।
योग का नाम लेते ही मुख में पतंजलि का नाम सामने आता है, जी हां दोस्तों पतंजलि नामक एक महर्षि ने ही योग को आस्था अंधविश्वास और धर्म से बाहर निकाल कर एक स्वतंत्र तथा सुव्यवस्थित रूप प्रदान किया था।
21 जून वर्ष का सबसे बड़ा दिन होता है और माना जाता है योग करने से लोगों की आयु बढ़ती है।
• शैंपू (Shampoo) का आविष्कार।
जी हां दोस्तों शैंपू का आविष्कार भी भारत में हुआ है प्राचीन काल से लोग अनेक जड़ी बूटी और विभिन्न तेलुगू और गोंद के माध्यम से अपने बाल धोते थे मालिश करवाते थे। आज जिसे हम शैंपू नाम से जानते हैं पहले उसे चम्पू नाम से जाना जाता था।
15वीं शताब्दी में भारत में प्राकृतिक तेल, फलों के गूदे, रीठा, आंवला और अन्य जड़ीबूटी को मिलाकर शैंपू के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। जब अंग्रेज भारत में आए तब उनके नजर यहां पड़ी फिर वह लोग इसके बारे में जाने और अन्य देशों के बाजार में शैंपू के नाम पर बेचने लगे
• पाई (π) का मान भारत की देन है.
गणित में बहुत शराब फार्मूला है जहां पाई का इस्तेमाल किया जाता है. आधुनिक युग में 1706 में पाई का मान निकाला गया था लेकिन उससे पहले सुन्य की खोज करने वाले आर्यभट्ट ने पाई के सिद्धांत को लागू कर दिया था। पाई का मान लगभग 3.14159 है। 14 मार्च को दुनियाभर में पाई दिवस मनाया जाता है।
• बटन का आविष्कार भी भारत में हुआ.
बटन का आविष्कार भी भारत में हुआ था । देखिए शर्ट में लगने वाला बटन की आविष्कार मोहनजोदड़ो सभ्यता में हुआ था आज से लगभग 5000 साल पहले. इसका पता चला मोहनजोदारो की खुदाई के समय मैं।
• लोहे का आविष्कार भी भारत में हुआ था.
लोहा ही एक ऐसा धातु है जिसका आविष्कार होने से सभ्यता की उन्नति द्रुतगति में चली. आज भी लोहा अनेक कामों में व्यवहार किया जाता है. यहां लोहा की खोज उत्तर भारत में लोहे का प्रारंभ 1800 और 1000 ईसा पूर्व तथा दक्षिण भारत में 1000 पूर्व में किया गया था।
• चीनी (Sugar) का आविष्कार भारत में हुआ था.
चीनी यानी के शक्कर इसके आविष्कार भी भारत में हुआ था. पहले इसकी उत्पत्ति गुप्त शासनकाल में हुई थी. गुड से शक्कर बनाई गई थी दिखने में यह सफेद होकर क्रिस्टल जैसे कंकड़ की तरह दिखाई दे रही थी।
• स्याही का आविष्कार भारत में हुआ था.
स्याही का आविष्कार भी भारत में हुआ था हालांकि कुछ इतिहासकारों यह भी कहते हैं कि इसका आविष्कार चीन में हुआ था.
• चांद पर पानी की खोज भारत ने की थी.
जी हां दोस्तों भारत के वैज्ञानिकों ने ही सबसे पहले चांद पर पानी की खोज की थी. चांद पर पानी की खोज भारत द्वारा चंद्रयान-1 के साथ भेजे गए भारत के मून इम्पैक्ट प्रोब ने चाँद कि धरती पर उतरकर पानी का पता लगाया था।
• शून्य (0) का आविष्कार भारत में हुआ था.
आर्यभट्ट ने जीरो का आविष्कार किया था । 628 ईसवी में ब्रह्मगुप्त नामक एक विद्वान और गणितज्ञ ने सुन्य को और इसकी सिद्धांतों को परिभाषित किया। आर्यभट्ट और ब्रह्मगुप्त एक ही व्यक्ति का नाम है।
• शतरंज का शुरुआत भारत में हुआ था।
जी हां दोस्तों जिसे पूरी दुनिया चेस्ट के नाम पर जानती है वही शतरंज खेल का शुरुआत भारत देश से ही हुआ था । प्राचीन भारत में यह खेल को “चतुरंगा” नाम से जाना जाता था. यह खेल की शुरुआत चंद्र गुप्त वंश के दौरान हुआ था माना जाता है लगभग 280-250 BC में।
• पहिए का आविष्कार भी भारत में हुआ था.
पहिए का आविष्कार मानव इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. और इसी पहिए का आविष्कार भारत में हुआ था. आज से 5000 वर्ष पहले महाभारत का युद्ध हुआ था, जहां रथ का इस्तेमाल किया गया था, जरा सोचिए रथ चलने के लिए पैसे का इस्तेमाल किया गया था. तो हम कह सकते हैं हजारों साल पहले भारत में पहिए का आविष्कार हुआ था
प्लास्टिक सर्जरी की शुरुआत भारत में हुई थी
पश्चिमी लोग मानते हैं प्लास्टिक सर्जरी की देन आधुनिक विज्ञान की देन है. प्लास्टिक सर्जरी उसे कहते हैं जो किसी भी अंग को ठीक करना होता है. आज से 3000 साल पहले सुश्रुत नामक एक शल्य चिकित्सक थे. उन्होंने ही पहले यह सर्जरी की शुरुआत की थी. युद्ध में विपदा में लोगों के टूटे-फूटे अंगों को ठीक करने के काम करते थे.
अंतिम शब्द
यह थी दोस्तों भारत ने दुनिया को क्या दिया इस विषय में कुछ जानकारी. इसके अलावा और भी बहुत सारे ऐसी चीजें हैं जो भारत ने पूरी दुनिया के साथ बैठा है. पहले से ही भारत को विश्व गुरु कहा जाता है, ऐसे ही नहीं कहा जाता, दुनिया को पता है भारत में सभ्यता के शुरुआत से ही बहुत सारे मुनीर रूसी विद्वान आए जिन्होंने उन्नत सभ्यता करने के लिए बहुत सारी चीजों की आविष्कार की थी।
आशा करता हूं दोस्तों आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा। यदि इसके बारे में और भी कुछ जानकारी आपको पता है तो हमें कमेंट करके जरूर बताइएगा। आपकी दी गई विचारों को हम सम्मान पूर्वक कमेंट सेक्शन में स्वागत करते हैं।
1 Comment
Sagar · November 21, 2022 at 8:41 AM
Nice information thanks